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April 3, 2025“Class 11 Physics Chapter 1: Units and Measurements – Comprehensive Study Material for 2025 Annual Exams
April 3, 2025📘 अध्याय 1: मात्रक एवं मापन (Units and Measurement)
📚 कक्षा 11 भौतिकी – हिंदी माध्यम
🗓️ शैक्षणिक सत्र: 2025–26
📖 NCERT पाठ्यपुस्तक पर आधारित
🔶 1.1 प्रस्तावना (Introduction)
- किसी भी भौतिक राशि का मापन, एक निश्चित, मनमाने ढंग से चुने गए, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानक की तुलना पर आधारित होता है।
- मापन के परिणाम को हम इस रूप में लिखते हैं:
👉 संख्या + मात्रक
(उदाहरण: लंबाई = 5 मीटर)
✅ प्रमुख बातें:
- भले ही भौतिक राशियाँ अनेकों हों, उन्हें मापने के लिए सीमित संख्या में मात्रकों की आवश्यकता होती है।
- इन मात्रकों को दो वर्गों में विभाजित किया गया है:
- मूल मात्रक (Fundamental Units)
- व्युत्पन्न मात्रक (Derived Units)
🟦 1.2 मात्रकों की अंतरराष्ट्रीय प्रणाली (The International System of Units)
📌 इतिहास:
- पहले CGS, FPS, और MKS प्रणालियाँ प्रयोग में थीं।
प्रणाली | लंबाई | द्रव्यमान | समय |
---|---|---|---|
CGS | सेंटीमीटर | ग्राम | सेकंड |
FPS | फुट | पाउंड | सेकंड |
MKS | मीटर | किलोग्राम | सेकंड |
🌍 SI प्रणाली (Système Internationale d’Unités):
- 1971 में BIPM (The International Bureau of Weights and Measures) द्वारा विकसित की गई।
- 2018 में इसे संशोधित किया गया ताकि यह वैज्ञानिक, तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्रों में उपयोगी बन सके।
📊 SI की 7 मूल राशियाँ और उनके मात्रक:
भौतिक राशि | मात्रक नाम | प्रतीक | परिभाषा (सरल भाषा में) |
---|---|---|---|
लंबाई (Length) | मीटर (metre) | m | प्रकाश की गति के आधार पर परिभाषित |
द्रव्यमान (Mass) | किलोग्राम | kg | प्लांक नियतांक (Planck constant) पर आधारित |
समय (Time) | सेकंड (second) | s | सीज़ियम परमाणु की आवृत्ति के आधार पर |
विद्युत धारा | एम्पियर | A | एक इलेक्ट्रॉन के आवेश के आधार पर |
तापमान | केल्विन | K | बोल्ट्ज़मैन नियतांक (k) पर आधारित |
पदार्थ की मात्रा | मोल (mole) | mol | 6.022 × 10²³ कणों की संख्या के आधार पर |
ज्योति तीव्रता | कैंडेला | cd | 540 × 10¹² Hz की प्रकाश तरंग की तीव्रता पर आधारित |
➕ अतिरिक्त मात्रक:
- समतल कोण (Plane angle) → रेडियन (rad)
- ठोस कोण (Solid angle) → स्टेरेडियन (sr)
✅ दोनों आयामी रहित (dimensionless) होते हैं।
बहुत बढ़िया! अब प्रस्तुत है अध्याय 1 – मात्रक एवं मापन का अगला भाग:
🟨 1.3 सार्थक अंक (Significant Figures)
📌 सार्थक अंक क्या हैं?
मापन के प्रत्येक मान में कुछ त्रुटियाँ होती हैं। इसलिए मापन का परिणाम इस प्रकार लिखा जाना चाहिए कि उससे उसकी सटीकता (precision) झलके।
📌 सार्थक अंक वे अंक होते हैं जो:
- मापन में विश्वसनीय (certain) हैं, और
- पहला अनिश्चित (uncertain) अंक भी शामिल करते हैं।
🎯 उदाहरण:
- यदि एक लटकन का दोलन समय 1.62 s है, तो:
- ‘1’ और ‘6’ विश्वसनीय हैं
- ‘2’ अनिश्चित है
🔸 तो कुल 3 सार्थक अंक हैं
- यदि एक छड़ की लंबाई 287.5 cm है, तो:
- ‘2’, ‘8’, ‘7’ निश्चित हैं
- ‘5’ अनिश्चित है
🔸 तो कुल 4 सार्थक अंक हैं
📋 सार्थक अंकों की गणना के नियम
✔️ नियम 1: सभी गैर-शून्य अंक (non-zero digits) सार्थक होते हैं
📌 उदाहरण:
- 245 → 3 सार्थक अंक
✔️ नियम 2: दो गैर-शून्य अंकों के बीच के शून्य (zero) भी सार्थक होते हैं
📌 उदाहरण:
- 2008 → 4 सार्थक अंक
- 2.005 → 4 सार्थक अंक
✔️ नियम 3: दशमलव के बाएं ओर के शून्य (leading zeros) सार्थक नहीं होते
📌 उदाहरण:
- 0.0023 → 2 सार्थक अंक (‘2’ और ‘3’)
- 0.000500 → 3 सार्थक अंक (‘5’, ‘0’, ‘0’)
✔️ नियम 4: बिना दशमलव वाले संख्याओं में अंतिम के शून्य सार्थक नहीं होते
📌 उदाहरण:
- 1500 → 2 सार्थक अंक
- → 4 सार्थक अंक (क्योंकि दशमलव लगाया गया है)
✔️ नियम 5: दशमलव सहित अंतिम के शून्य सार्थक होते हैं
📌 उदाहरण:
- 2.300 → 4 सार्थक अंक
- 0.0600 → 3 सार्थक अंक
✔️ नियम 6: मात्रक बदलने से सार्थक अंकों की संख्या नहीं बदलती
📌 उदाहरण:
- 2.308 cm = 0.02308 m = 23.08 mm
🔸 सभी में 4 सार्थक अंक हैं
✔️ नियम 7: वैज्ञानिक संकेतन (Scientific Notation) से भ्रम नहीं होता
📌 संरचना:
जहां:
- a = 1 से 10 के बीच की संख्या
- b = कोई धनात्मक या ऋणात्मक घातांक
📌 उदाहरण:
- 4.700 = → 4 सार्थक अंक
- 4700 = → 2 सार्थक अंक
बहुत अच्छे! अब हम अध्याय 1 का अगला भाग प्रस्तुत कर रहे हैं:
🟦 1.3.1 गणितीय संक्रियाओं में सार्थक अंकों के नियम
(Arithmetic Operations with Significant Figures)
📌 मापन की गई राशियों का प्रयोग करके जब कोई गणना (calculation) की जाती है, तो अंतिम उत्तर की सटीकता मापन की गई मूल राशियों की सटीकता के अनुसार ही होनी चाहिए।
अर्थात् अंतिम उत्तर में उतने ही सार्थक अंक या दशमलव स्थान होने चाहिए जितने मापन की गई राशियों में हैं।
➕ (1) गुणा और भाग (Multiplication or Division)
👉 अंतिम उत्तर में उतने ही सार्थक अंक होने चाहिए जितने मूल मापन में सबसे कम हैं।
🧮 उदाहरण:
- द्रव्यमान (Mass) = 4.237 g → 4 सार्थक अंक
- आयतन (Volume) = 2.51 cm³ → 3 सार्थक अंक
- घनत्व (Density) = 4.237 ÷ 2.51 = 1.69 g/cm³ (3 सार्थक अंक)
✅ उत्तर उसी सटीकता में लिखा जाएगा जितनी सबसे कम सटीक मापन में है।
➕ (2) जोड़ और घटाव (Addition or Subtraction)
👉 अंतिम उत्तर में उतने ही दशमलव स्थान होने चाहिए जितने मूल मापन में सबसे कम हैं।
🧮 उदाहरण:
मान | दशमलव स्थान |
---|---|
436.32 g | 2 |
227.2 g | 1 |
0.301 g | 3 |
योग = 663.821 g → 663.8 g (1 दशमलव स्थान) |
✅ उत्तर उस मान के अनुसार होगा जिसमें सबसे कम दशमलव स्थान हैं।
⚠️ ध्यान रखें:
- गुणा-भाग के लिए: सार्थक अंकों पर आधारित नियम लगते हैं
- जोड़-घटाव के लिए: दशमलव स्थानों पर आधारित नियम लगते हैं
बहुत बढ़िया! आइए अब देखें:
🟨 1.3.2 अनिश्चित अंकों को गोल करना (Rounding off the Uncertain Digits)
📌 जब कोई मापन या गणना अनिश्चित अंकों के साथ हो, तो उसे उचित सार्थक अंकों में गोल (Round Off) करना आवश्यक होता है।
📋 गोल करने के नियम (Rules for Rounding Off):
✔️ नियम 1:
अगर हटाया जाने वाला अंक 5 से अधिक है ⇒
➕ पहले वाले अंक को 1 बढ़ा दें
📌 उदाहरण:
- 2.746 → 2.75 (6 हटेगा → 4 को 5 किया)
✔️ नियम 2:
अगर हटाया जाने वाला अंक 5 से कम है ⇒
➖ पहले वाले अंक को जैसे का तैसा रखें
📌 उदाहरण:
- 2.743 → 2.74
✔️ नियम 3 (Special Case – When Dropped Digit is 5):
अगर हटाया जाने वाला अंक सिर्फ 5 है, तो:
- यदि पहले वाला अंक even (सम संख्या) है → बदलाव नहीं
- यदि पहले वाला अंक odd (विषम संख्या) है → 1 बढ़ा दें
📌 उदाहरण:
- 2.745 → 2.74 (4 is even → no change)
- 2.735 → 2.74 (3 is odd → becomes 4)
✔️ नियम 4:
बहु-चरणीय गणना (multi-step calculation) में
👉 मध्यवर्ती चरणों में एक अधिक अंक रखें
👉 अंतिम उत्तर में ही गोल करें
📌 क्यों?
ताकि त्रुटियाँ न बढ़ें और उत्तर अधिक सटीक हो
✔️ नियम 5:
वैज्ञानिक गणनाओं में, जैसे:
- प्रकाश की गति = 1.99792458 × 10⁸ m/s
लेकिन साधारण प्रयोगों में = 3 × 10⁸ m/s
(सिर्फ 3 सार्थक अंक पर्याप्त)
✔️ नियम 6:
सटीक संख्याएँ जैसे 2, π आदि के पास अनंत (infinite) सार्थक अंक माने जाते हैं।
उन्हें गोल करने की आवश्यकता नहीं।
📌 उदाहरण:
- सूत्र:
→ π = 3.141592… → आप 3.14 या 3.142 ले सकते हैं।
आइए अब पूरा करें 1.3.3: गणनात्मक त्रुटियों का निर्धारण का भाग, बिंदुवार और उदाहरण सहित:
🟩 1.3.3 गणनात्मक त्रुटियों का निर्धारण
(Determining the Uncertainty in Arithmetic Calculations)
📌 उद्देश्य:
मापन की गई राशियों में त्रुटियों (errors) का गणितीय फलन में किस प्रकार प्रसार होता है, यह समझना।
🧠 (1) गुणा या भाग में त्रुटियों का प्रसार (Error in Multiplication/Division):
- यदि दो मापों और को गुणा/भाग किया जाए, तो उनके सापेक्ष त्रुटियाँ जुड़ जाती हैं।
उदाहरण:
- लंबाई cm → त्रुटि ≈ 0.6%
- चौड़ाई cm → त्रुटि ≈ 1%
👉 क्षेत्रफल cm²
➡️ कुल सापेक्ष त्रुटि =
➡️ त्रुटि का मान = cm²
✅ अंतिम उत्तर:
🧠 (2) घटाव/जोड़ में त्रुटि दशमलव स्थानों पर निर्भर होती है
- यदि मापन की गई दो संख्याएँ घटाई जाती हैं, तो उत्तर की सटीकता घट सकती है।
उदाहरण:
12.9 g – 7.06 g =
➡️ गणना = 5.84 g
➡️ लेकिन 12.9 में केवल 1 दशमलव स्थान है
✅ इसलिए उत्तर = 5.8 g
🧠 (3) सापेक्ष त्रुटि संख्यात्मक मान पर भी निर्भर करती है
उदाहरण:
मापन | त्रुटि | सापेक्ष त्रुटि |
---|---|---|
1.02 g | ±0.01 g | |
9.89 g | ±0.01 g |
📌 👉 कम मूल्य पर सापेक्ष त्रुटि अधिक होती है
🧠 (4) बहु-चरणीय गणना में एक अतिरिक्त अंक बनाए रखें
- हर मापन में कम से कम एक अतिरिक्त अंक रखें
- अंत में गोल करें (round off)
उदाहरण:
➡️ यदि आपने सिर्फ 0.104 लिया होता, तो वापस जाकर 9.62 मिलता, जबकि सही मान था 9.58
✅ इसलिए बीच की गणनाओं में अधिक अंक रखने से त्रुटियाँ घटती हैं
बहुत बढ़िया! अब प्रस्तुत है:
🟦 1.4 भौतिक राशियों के आयाम
(Dimensions of Physical Quantities)
📌 आयाम (Dimensions) क्या होते हैं?
किसी भौतिक राशि की प्रकृति को उसके आयाम व्यक्त करते हैं।
➤ सभी व्युत्पन्न राशियाँ (Derived Quantities) को सात मूल राशियों की सहायता से व्यक्त किया जा सकता है:
भौतिक मूल राशि | प्रतीक | आयाम |
---|---|---|
द्रव्यमान | M | [M] |
लंबाई | L | [L] |
समय | T | [T] |
विद्युत धारा | A | [A] |
तापमान | K | [K] |
ज्योति तीव्रता | cd | [cd] |
पदार्थ की मात्रा | mol | [mol] |
इनका संयुक्त रूप = [Mᵃ Lᵇ Tᶜ Aᵈ Kᵉ molᶠ cdᵍ]
📋 आयामी निरूपण (Dimensional Notation)
भौतिक राशि को दर्शाने के लिए वर्ग कोष्ठक [ ] का प्रयोग किया जाता है।
🧠 उदाहरण:
भौतिक राशि | आयामी स्वरूप |
---|---|
लंबाई | [L] |
क्षेत्रफल | [L²] |
आयतन | [L³] |
गति (Velocity) | [L T⁻¹] |
त्वरण (Acceleration) | [L T⁻²] |
बल (Force) | [M L T⁻²] |
कार्य/ऊर्जा | [M L² T⁻²] |
🎯 महत्व क्यों?
✅ यह स्पष्ट करता है कि कोई राशि किस मूल राशियों पर निर्भर है
✅ इसे प्रयोग करके हम किसी भौतिक सूत्र की सत्यता की जांच कर सकते हैं
✅ इससे हम सार्थक समीकरण बना सकते हैं
🔍 उदाहरण 1: आयतन (Volume)
वस्तु का आयतन = लंबाई × चौड़ाई × ऊँचाई
= L × L × L = [L³]
🔸 आयतन का आयामी स्वरूप = [M⁰ L³ T⁰]
🔍 उदाहरण 2: बल (Force)
बल = द्रव्यमान × त्वरण
= M × (L / T²) = [M L T⁻²]
🔍 उदाहरण 3: चाल / गति (Speed / Velocity)
गति = दूरी / समय = L / T
= [L T⁻¹]
✳️ औसत चाल, तात्क्षणिक चाल, प्रारंभिक चाल – सभी का आयामी स्वरूप समान होता है।
📌 विशेष बात:
- आयामी विश्लेषण में हम केवल राशियों की प्रकृति देखते हैं, मात्रा नहीं।
- इसलिए बल, त्वरण, गति आदि के लिए सिर्फ उनकी इकाई और आयाम से ही समीकरणों को जांचा जाता है।
शानदार! अब प्रस्तुत है:
🟨 1.5 भौतिक राशियों के आयामी सूत्र और समीकरण
(Dimensional Formulae and Dimensional Equations)
📌 आयामी सूत्र (Dimensional Formula) क्या होता है?
किसी भौतिक राशि को मूल राशियों के आयामों के रूप में दर्शाने वाला सूत्र आयामी सूत्र कहलाता है।
👉 यह दर्शाता है कि वह राशि किन-किन मूल राशियों पर और किस घातांक (घात) में निर्भर करती है।
🧠 सामान्य संरचना:
जहाँ Q = भौतिक राशि, a, b, c, … = घातांक
🧾 कुछ प्रमुख भौतिक राशियों के आयामी सूत्र:
भौतिक राशि | सूत्र | आयामी सूत्र |
---|---|---|
आयतन (Volume) | लंबाई³ | [M⁰ L³ T⁰] |
चाल/गति (Velocity) | दूरी/समय | [M⁰ L¹ T⁻¹] |
त्वरण (Acceleration) | गति/समय | [M⁰ L¹ T⁻²] |
बल (Force) | द्रव्यमान × त्वरण | [M¹ L¹ T⁻²] |
कार्य/ऊर्जा (Work) | बल × विस्थापन | [M¹ L² T⁻²] |
घनत्व (Density) | द्रव्यमान / आयतन | [M¹ L⁻³ T⁰] |
दाब (Pressure) | बल / क्षेत्रफल | [M¹ L⁻¹ T⁻²] |
शक्ति (Power) | ऊर्जा / समय | [M¹ L² T⁻³] |
📌 आयामी समीकरण (Dimensional Equation):
किसी भौतिक राशि को उसके आयामी सूत्र के समान रखकर जो समीकरण बनता है, वह आयामी समीकरण कहलाता है।
🧠 उदाहरण:
राशि | आयामी समीकरण |
---|---|
आयतन (V) | [V] = [M⁰ L³ T⁰] |
चाल (v) | [v] = [M⁰ L¹ T⁻¹] |
बल (F) | [F] = [M¹ L¹ T⁻²] |
घनत्व (ρ) | [ρ] = [M¹ L⁻³ T⁰] |
🎯 उपयोगिता (Uses):
✅ किसी भौतिक सूत्र की सत्यता की जाँच
✅ राशियों के बीच संबंध ज्ञात करना
✅ मात्रकों का रूपांतरण करना
✅ त्रुटियों को पहले ही पहचानना
बहुत सुंदर! अब प्रस्तुत है:
🟩 1.6 आयामी विश्लेषण एवं इसके अनुप्रयोग
(Dimensional Analysis and Its Applications)
📌 आयामी विश्लेषण क्या है?
यह एक विधि है जिसके द्वारा हम किसी भौतिक परिघटना या समीकरण को आयामों की सहायता से जांचते या समझते हैं।
🎯 मुख्य उद्देश्य:
- किसी समीकरण की सत्यता की जांच करना
- राशियों के बीच संबंध निकालना
- मात्रकों का रूपांतरण करना
- त्रुटियाँ पहचानना
🔸 नियम:
➤ केवल समान आयामों वाली राशियों को जोड़ा या घटाया जा सकता है।
➤ दोनों पक्षों (LHS = RHS) के आयाम समान होने चाहिए।
🟢 1.6.1 समीकरण की आयामी संगतता की जांच
(Checking the Dimensional Consistency of Equations)
📖 नियम (Principle of Homogeneity):
किसी भौतिक समीकरण में सभी पदों के आयाम एक जैसे होने चाहिए।
🧪 उदाहरण:
पद | आयाम |
---|---|
[L] | |
[L T⁻¹] × [T] = [L] | |
[L T⁻²] × [T²] = [L] |
✅ चूँकि सभी पदों का आयाम [L] है, इसलिए यह समीकरण आयामी दृष्टि से संगत (dimensionally consistent) है।
⚠️ विशेष ध्यान दें:
- यदि समीकरण आयामी संगत नहीं है ⇒ त्रुटिपूर्ण है ❌
- यदि संगत है ⇒ शायद सही हो ✅ (पर 100% सही यह नहीं दर्शाता)
👉 यह केवल सांख्यिकीय स्थिरांकों (जैसे ½, 2π) की सटीकता नहीं बता सकता
🧪 उदाहरण 1.3:
समीकरण जाँचें:
| बायाँ पक्ष (LHS) | = [M][L² T⁻²]
| दायाँ पक्ष (RHS) | = [M][L][L T⁻²] = [M L² T⁻²]
✅ दोनों पक्षों के आयाम समान हैं ⇒ संगत
🧪 उदाहरण 1.4:
नीचे दिए गए Kinetic Energy (K) के सूत्रों में से कौन आयामी दृष्टि से गलत है?
सूत्र | आयाम | सही/गलत |
---|---|---|
(a) | [M² L³ T⁻³] | ❌ |
(b) | [M L² T⁻²] | ✅ |
(c) | [M L T⁻²] | ❌ |
(d) | [M L² T⁻²] | ✅ |
(e) | गलत योग | ❌ |
🔹 निष्कर्ष: (a), (c), और (e) गलत हैं
(b) और (d) आयामी रूप से सही हैं, पर सही उत्तर (b) ही है
🟢 1.6.2 भौतिक राशियों के बीच संबंध निकालना
(Deducing Relations among Physical Quantities)
📌 विधि:
जब किसी राशि का अन्य राशियों पर आयामी रूप में निर्भरता ज्ञात हो, तो हम उसे समीकरण के रूप में निकाल सकते हैं।
🧪 उदाहरण 1.5:
सरल लोलक का समय काल इसकी लंबाई , द्रव्यमान , और गुरुत्व पर निर्भर करता है।
निकालें:
माना:
👉 आयाम लगाएँ:
अब दोनों पक्षों की तुलना करें:
राशि | तुलना |
---|---|
L | x + y = 0 |
T | –2y = 1 ⇒ y = –½ |
M | z = 0 |
⇒ x = ½, z = 0
तो,
📌 यहाँ एक आयामी रहित नियतांक है (जैसे )
✅ अंतिम उत्तर:
⚠️ सीमाएँ (Limitations):
- आयामी विश्लेषण नियतांकों (constants) का मान नहीं दे सकता (जैसे ½, 2π)
- यह उन राशियों में अंतर नहीं करता जिनके आयाम समान हैं (जैसे: ऊर्जा और आघूर्ण)
- त्रिकोणमितीय, लघुगणक, आदि फलनों के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता