Chapter 6 Shaam – Ek Kisaan Solutions
April 4, 2025Chapter 9 Ek Tinka Solutions
April 4, 2025NCERT Solutions: अपूर्व अनुभव
प्रश्न-अभ्यास
पाठ से
प्रश्न 1: यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने अथक प्रयास क्यों किया? लिखिए।
उत्तर: यासुकी-चान तोत्तो-चान का घनिष्ठ मित्र था। उसे पोलियो हो गया था जिसके कारण उसके हाथ-पैर सही रूप में काम न करते थे। पेड़ पर चढ़ना तो उसके लिए संभव ही न था। जबकि जापान के शहर तोमोए में हर बच्चे का एक निजी पेड़ था, लेकिन यासुकी-चान ने शारीरिक अपंगता के कारण किसी पेड़ को निजी नहीं बनाया था। उसके मन की पेड़ पर चढ़ने की चाह को पूरा करने के लिए तोत्तो-चान ने यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का अथक प्रयास किया।
प्रश्न 2: दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। दोनों में क्या अंतर रहे? लिखिए।
उत्तर: तोत्तो-चान रोज अपने निजी पेड़ पर चढ़ती थी परन्तु इस बार अथक परिश्रम से पोलियोग्रस्त अपने मित्र यासुकी-चान को पेड़ की द्विशाखा तक पहुँचाने से उसे आज ख़ुशी के साथ आत्म संतुष्टि भी मिली जो उसके लिए अपूर्व अनुभव था। वहीँ दूसरी तरफ यासुकी-चान पहली बार पेड़ पर चढ़ पाया जिससे उसके मन की इच्छा पूरी हुई जो उसके लिए अपूर्व अनुभव था।
प्रश्न 3: पाठ में खोजकर देखिए – कब सूरज का ताप यासूकि – चान और तोत्तो – चान पर कब पड़ रहा था वह दोनो पसीने में तरबतर हो रहे थे और कब एक बदल का टुकड़ा उन्हें छाया देकर बचाने लगा था। आपके अनुसार इस परिस्थिति को बदलने का क्या कारण हैं?
उत्तर: यासूकि – चान ने जब पहली सीढ़ी की सहायता से पेड़ पर चढ़ने का प्रयास किया तो वह प्रयास व्यर्थ हो गया । उसके बाद तोत्तो – चान तिपाई सीढ़ी खीच कर लाए और तोत्तो – चान यासुकी – चान को पेड़ पर चढ़ाने का अथक प्रयास करते हैं। उस समय तेज धूप होने के कारण दोनों पसीने में तरबतर हो गए और इसी समय एक बादल का टुकड़ा आकर उन्हें कड़कती धूप से बचाकर छाया देता है। उस समय उन दोनों की मदद करने के लिए कोई नहीं था इसलिए प्रकृति खुद उनकी मदद करने आ गई थी।
प्रश्न 4: ‘यासुकी-चान को लिए पेड़ पर चढ़ने का यह . . . . . अंतिम मौका था’ – इस अधूरे वाक्य को पूरा कीजिये और लिखकर बताइए कि लेखिका ने ऐसा क्यों लिखा होगा।
उत्तर: ‘यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह अंतिम मौका था’ लेखिका ने ऐसा इसलिए लिखा क्योंकि यासुकी-चान पोलियो ग्रस्त था। उसके लिए पेड़ पर चढ़ जाना असंभव था। उसे आगे तोत्तो-चान जैसा मित्र मिल पाना मुश्किल था। तोत्तो-चान के अथक परिश्रम और साहस के बदौलत वह पहली बार पेड़ पर चढ़ पाया था। यह अवसर मिलना और कभी असंभव था। अगर उनके माता-पिता को इसकी जानकारी मिल जाती तो कभी यह काम करने नहीं देते। शायद दोबारा ऐसा कभी नहीं कर पाते।
पाठ से आगे
प्रश्न 1: तोत्तो – चान ने अपनी योजना को बड़ो से इसलिए छिपा लिया क्योंकि यह जोखिम था, यासुकी – चान के गिरने की संभावना थी फिर भी यासुकि – चान की पेड़ पर चढ़ने की दृढ इच्छा थी। ऐसी दृढ इच्छाएं बुद्धि और कड़ी मेहनत से पूरी हो जाती हैं। आप किस तरह सफलता के लिए तीव्र इच्छा और बुद्धि का प्रयोग करके कठिन परिश्रम करना चाहते हो?
उत्तर: इसमें असत्य नहीं कि तोत्तो-चान ने यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने का कार्य अत्यधिक दृढ़ निश्चय, बुद्धि व कठोर परिश्रम से पूरा किया। मैं अपने जीवन में समाज सुधारक बनना चाहता हूँ। इस हेतु मेरी तीव्र इच्छा है। कि समाज में बड़े-बुजुर्गों के साथ पारिवारिक अन्याय न हो। मैं अपनी बुद्धि के उपयोग व कठिन परिश्रम से इन लोगों को अधिक-से-अधिक सुविधाएँ प्रदान करवाऊँगा जिसमें सरकार व समाज दोनों का सहयोग हो।
प्रश्न 2: हम अक्सर बड़े – बड़े कारनामों के बारे में सुनते रहते हैं लेकिन ‘ अपूर्व अनुभव ‘ कहानी एक मामूली जोखिम और बहादुरी की और हमारा ध्यान खीचती है।यदि आपको अपने आस पास के संसार में कोई रोमांचकारी अनुभव करना हो तो आप क्या करोगे?
उत्तर: हम अकसर बहादुरी के बड़े-बड़े कारनामों के बारे में सुनते रहते हैं, लेकिन शारीरिक चुनौतियों से गुजरने वाले व्यक्तियों के लिए चढ़ने-उतरने की सुविधाएँ कुछ ही स्थानों पर दिखाई देती हैं, जैसे-सरकारी अस्पताल, बसों, रेलवे प्लेटफार्म, हवाई अड्डों आदि।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1: अपनी माँ से झूठ बोलते समय तोत्तो-चाने की नज़रें नीचे क्यों थीं?
उत्तर: तोत्तो-चान ने यासुकी-चान को अपने पेड़ पर आमंत्रित किया था। यह बात उसने अपनी माँ से छिपाई थी क्योंकि उसे मालूम था कि माँ यह जोखिम भरा कार्य नहीं करने देगी। जब माँ ने उससे पूछा कि वह कहाँ जा रही है तो उसने झूठ कहा कि वह यासुकी-चान से मिलने उसके घर जा रही है। यह कहते समय उसकी नज़रें नीची थीं क्योंकि वह माँ से झूठ बोल रही थी। उसे डर था कि शायद वह माँ से नजरें मिलाकर जब यह बात कहेगी तो उसका झूठ पकड़ा जाएगा।
प्रश्न 2: यासुकी-चान जैसे शारीरिक चुनौतियों से गुजरने वाले व्यक्तियों के लिए चढ़ने-उतरने की सुविधाएँ हर जगह नहीं होतीं। लेकिन कुछ जगहों पर ऐसी सुविधाएँ दिखाई देती हैं। उन सुविधा वाली जगहों की सूची बनाइए।
उत्तर: मेट्रो स्टेशन पर, अस्पतालों पर, हवाई अड्डों पर शारीरिक प्रतिबन्ध वाले व्यक्तियों के लिए उपर नीचे जाने के लिए लिफ्ट बनी होती है और विद्यालय में इनके लिए रैंप बनी होती है।
भाषा की बात
प्रश्न 1: विशाखा शब्द दिव और शाखा के योग से बना है। दिव का अर्थ है-दो और शाखा का अर्थ है-डाल। विशाखा पेड़ के तने का वह भाग है जहाँ से दो मोटी-मोटी डालियाँ एक साथ निकलती है। वि की भाँति आप त्रि से बनने वाला शब्द त्रिकोण जानते होंगे। ‘त्रि’ का अर्थ होता है तीन। इस प्रकार चार, पाँच, छह, सात, आठ, नौ और संख्यावाची संस्कृत शब्द उपयोग में अक्सर आते हैं। इन संख्यावाची शब्दों की जानकारी प्राप्त कीजिए और देखिए कि वह क्या इन शब्दों की ध्वनियाँ अंग्रेज़ी संख्या के नामों से कुछ-कुछ मिलती-जुलती हैं, जैसे- हिंदी-आठ संस्कृति-अष्ट, अंग्रेज़ी एट।
उत्तर:प्रश्न 2: पाठ में ‘ठिठियाकर हँसने लगी’, ‘पीछे से धकियाने लगी’ जैसे वाक्य आए हैं। ठिठियाकर हँसने के मतलब का आप अवश्य अनुमान लगा सकते हैं। ठी-ठी-ठी हँसना या ठठा मारकर हँसना बोलचाल में प्रयोग होता है। इनमें हँसने की ध्वनि के एक खास अंदाज को हँसी का विशेषण बना दिया गया है। साथ ही ठिठियाना और धकियाना शब्द में ‘आना’ प्रत्यय का प्रयोग हुआ है। इस प्रत्यय से फ़िल्माना शब्द भी बन जाता है। ‘आना’ प्रत्यय से बननेवाले चार सार्थक शब्द लिखिए।
उत्तर: घराना, चलाना, जुर्माना, रोजाना, शर्माना।