Chapter 12 hind mahaasaagar mein chhota-sa hindustaan notes
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November 6, 2024Chapter Notes: पेड़ की बात
परिचय
“पेड़ की बात” एक बहुत ही रोचक और शिक्षाप्रद कहानी है, जो पेड़ों के जीवन और उनके विकास की प्रक्रिया को समझाती है। यह कहानी बीज से पेड़ बनने की अद्भुत यात्रा का वर्णन करती है और यह भी बताती है कि कैसे पेड़ हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कहानी का सार
“पेड़ की बात” कहानी का प्रारंभ एक बीज से होता है, जो मिट्टी के नीचे बहुत दिनों तक पड़ा रहता है। जब वसंत ऋतु और वर्षा का समय आता है, तो बीज अंकुरित होता है और धरती की सतह पर उग आता है। धीरे-धीरे यह अंकुर एक छोटे पौधे के रूप में विकसित होता है, जिसमें जड़ें मिट्टी के अंदर गहराई में जाती हैं और तना ऊपर की ओर बढ़ता है। जैसे-जैसे पौधा बड़ा होता है, उसकी पत्तियाँ सूरज की रोशनी की ओर मुड़ जाती हैं। पेड़ का तना और जड़ उसे मजबूती से थामे रहते हैं।
पेड़-पौधे भी हमारी तरह भोजन करते हैं, परंतु वे तरल द्रव्य या वायु से अपना भोजन ग्रहण करते हैं। जड़ें मिट्टी से आवश्यक पोषक तत्व सोखती हैं और पत्तियाँ हवा से आहार ग्रहण करती हैं। पेड़ के पत्तों पर अनगिनत छोटे-छोटे मुँह होते हैं, जो आहार ग्रहण करते हैं और विषाक्त वायु को शुद्ध करते हैं। जब सूर्य का प्रकाश पत्तों पर पड़ता है, तो पेड़-पौधे ‘अंगारक’ वायु से अंगार निःशेष कर देते हैं, जिससे पेड़ का संवर्द्धन होता है।
पेड़ पौधों का जीवन प्रकाश पर निर्भर करता है। प्रकाश न मिलने पर वे जीवित नहीं रह सकते। पेड़ अपने जीवन के अंतिम समय में संतान उत्पन्न करने के लिए व्यग्र रहते हैं। बीज ही उनकी संतान है, जिसे वे फूलों के माध्यम से सुरक्षित रखते हैं। पेड़ के फूलों की सुगंध मधुमक्खियों और तितलियों को आकर्षित करती है, जो पराग-कणों को एक फूल से दूसरे फूल तक ले जाती हैं, जिससे बीज का निर्माण होता है। अंत में, पेड़ अपने जीवन को संतान के लिए न्योछावर कर देता है और सुख कर गिर जाता है।
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कहानी की मुख्य घटनाएं:
बीज का अंकुरित होना और पौधे में बदलना।
पौधे का तना और जड़ का विकास।
पेड़-पौधों का भोजन ग्रहण करने की प्रक्रिया।
पत्तियों का सूर्य के प्रकाश की ओर मुड़ना।
पेड़ों द्वारा विषाक्त वायु को शुद्ध करना।
पेड़ का संतान उत्पन्न करने के लिए फूलों का निर्माण।
मधुमक्खियों और तितलियों का पराग-कणों को एक फूल से दूसरे फूल तक ले जाना।
पेड़ का अंत में सुख कर गिर जाना।
कहानी से शिक्षा
कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जीवन का प्रत्येक हिस्सा महत्वपूर्ण होता है और प्रकृति की हर छोटी-बड़ी चीज का अपना महत्व है। पेड़-पौधों की जीवन यात्रा हमें धैर्य, संघर्ष, और निस्वार्थ प्रेम की प्रेरणा देती है। वे हमारे जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं। हमें पेड़ों की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति जागरूक होना चाहिए।
शब्दावली:
- अंकुर – बीज से निकलने वाला नया पौधा
- तना – पौधे का ऊपर की ओर बढ़ने वाला हिस्सा
- जड़ – पौधे का मिट्टी के अंदर रहने वाला हिस्सा
- तरल द्रव्य – पेड़-पौधों का द्रव भोजन
- अंगारक वायु – पेड़ों द्वारा शुद्ध की जाने वाली विषाक्त वायु
- पराग-कण – फूलों में पाए जाने वाले सूक्ष्म कण
- मृदंग – वृक्ष का भोजन बनाने का अंग
- संवर्द्धन – वृक्ष का विकास
निष्कर्ष
“पेड़ की बात” कहानी हमें यह सिखाती है कि पेड़-पौधों का जीवन कितना महत्वपूर्ण है और वे हमारे पर्यावरण के लिए कितने आवश्यक हैं। उनकी निस्वार्थता और जीवन के प्रति उनका संघर्ष हमें प्रेरित करता है। हमें पेड़ों का संरक्षण करना चाहिए और उन्हें संरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। पेड़-पौधे हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं और हमें उनके महत्व को समझना और उन्हें बचाना चाहिए।