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मेरी समझ से (Page 112)
(क) आपकी समझ सेनीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा बनाइए–
Q1. महाराज ने दीवान को ही उनका उत्तराधिकारी चुनने का कार्य उनके किस गुण के कारण सौंपा?
सादगी
बल
उदारता
नीति-कुशलता
उत्तर: नीति-कुशलता
Q2. दीवान साहब द्वारा नौकरी छोड़ने के निर्णय का क्या कारण था?
परमात्मा की याद
बदनामी का भय
राज-काज संभालने योग्य शक्ति न रहना
चालीस वर्षों की नौकरी पूरा होना
उत्तर: राज-काज संभालने योग्य शक्ति न रहना
शीर्षक (पृष्ठ 112)
Q1. आपने जो कहानी पढ़ी है, इसका नाम प्रेमचंद ने ‘परीक्षा’ रखा है। अपने समूह में चर्चा करके लिखिए कि उन्होंने इस कहानी का यह नाम क्यों दिया होगा? Ans. प्रेमचंद ने इस कहानी का नाम ‘परीक्षा’ इसलिए रखा होगा क्योंकि इस कहानी में विभिन्न पात्रों को विभिन्न प्रकार की परीक्षाओं से गुजरना पड़ा, जिसमें उनकी नैतिकता, उदारता, और साहस की परीक्षा ली गई।
Q2. यदि आपको इस कहानी को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा, यह भी बताइए।
Ans. इस कहानी को ‘सच्चे गुणों की परीक्षा’ नाम दिया जा सकता है, क्योंकि इसमें पात्रों के असली गुणों और उनकी नैतिकता की परीक्षा ली गई।
पंक्तियों पर चर्चा (पृष्ठ 113)
Q1. कहानी में से चुनकर यहाँ कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
“इस पद के लिए ऐसे पुरुष की आवश्यकता थी, जिसके हृदय में दया हो और साथ-साथ आत्मबल। हृदय वह जो उदार हो, आत्मबल वह जो आपत्ति का वीरता के साथ सामना करे। ऐसे गुणवाले संसार में कम हैं और जो हैं, वे कीर्ति और मान के शिखर पर बैठे हुए हैं।” इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
Ans. इस पद के लिए ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता थी, जो दयालु और साहसी हो। दयालुता का मतलब है कि वह उदार हो और साहस का मतलब है कि वह कठिनाइयों का बहादुरी से सामना कर सके। ऐसे गुणवाले लोग संसार में बहुत कम होते हैं और जो होते हैं, वे प्रतिष्ठा और सम्मान के उच्च स्थान पर होते हैं।
सोच-विचार के लिए (पृष्ठ 114)
Q1. नौकरी की चाह में आए लोगों ने नौकरी पाने के लिए कौन-कौन से प्रयत्न किए?
Ans. नौकरी की चाह में आए लोगों ने खुद को योग्य साबित करने के लिए अपने आचरण और व्यवहार को बदलने की कोशिश की, जैसे कि समय पर उठना, विनम्रता से बात करना, किताबें पढ़ना आदि।
Q2. “उसे किसान की सूरत देखते ही सब बातें ज्ञात हो गईं।” खिलाड़ी को कौन-कौन सी बातें पता चल गई?
Ans. खिलाड़ी को किसान की मुश्किलें और उसकी मदद की आवश्यकता तुरंत समझ में आ गई।
Q3. “मगर उन आँखों में सत्कार था, इन आँखों में ईर्ष्या।” किनकी आँखों में सत्कार था और किनकी आँखों में ईर्ष्या थी? क्यों?
Ans. दरबारियों की आँखों में सत्कार था क्योंकि वे जानकीनाथ को जानते थे और उनका सम्मान करते थे। उम्मीदवारों की आँखों में ईर्ष्या थी क्योंकि वे जानकीनाथ की सफलता से जल रहे थे और खुद को उस पद के योग्य समझते थे।
खोजबीन (पृष्ठ 115)
कहानी में से वे वाक्य खोजकर लिखिए जिनसे पता चलता है कि:
(क) शायद युवक बूढ़े किसान की असलियत पहचान गया था।
Ans. “उसे किसान की सूरत देखते ही सब बातें ज्ञात हो गईं।”
(ख) नौकरी के लिए आए लोग किसी तरह बस नौकरी पा लेना चाहते थे।
Ans. “नौकरी की चाह में आए लोगों ने नौकरी पाने के लिए अपने आचरण और व्यवहार को बदलने की कोशिश की।”
कहानी की रचना (पृष्ठ 115)
“लोग पसीने से तर हो गए खून की गर्मी आँख और चेहरे से झलक रही थी।”
इस वाक्य को पढ़कर आँखों के सामने थकान से चूर खिलाड़ियों का चित्र दिखाई देने लगता है। यह चित्रात्मक भाषा है। ध्यान देंगे तो इस पाठ में ऐसी और भी अनेक चित्रात्मक बातें आपको दिखाई देंगी।
कहानी को एक बार ध्यान से पढ़िए। आपको इस कहानी में और कौन-कौन सी विशेष बातें दिखाई देंगी? अपने समूह में मिलकर उनकी सूची बनाइए।
Ans.
“खिलाड़ी हाथों में डंडे लिए घूमते-घूमते उधर से निकले।”
“युवक ने पैरों को जोर लगाकर घुमाया।”
“किसान ने गाड़ी को हाथ से धकेलना शुरू किया।”
समस्यान और समाधान (पृष्ठ 114)
Q1. महाराज के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने इसका क्या समाधान खोजा? Ans. महाराज के सामने समस्या थी कि नया दीवान किसे नियुक्त किया जाए। उन्होंने समाधान के रूप में दीवान सुजानसिंह को ही नया दीवान चुनने का कार्य सौंपा।
Q2. दीवान के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने इसका क्या समाधान खोजा? Ans. दीवान के सामने समस्या थी कि वह बूढ़े हो गए थे और अब राज्य कार्य संभालने योग्य नहीं थे। उन्होंने समाधान के रूप में महाराज से निवृत्ति की मांग की।
Q3. नौकरी के लिए आए लोगों के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने इसका क्या समाधान खोजा?
Ans. नौकरी के लिए आए लोगों के सामने समस्या थी कि कैसे खुद को योग्य साबित करें। उन्होंने समाधान के रूप में अपने आचरण और व्यवहार को बदलने की कोशिश की।
मन के भाव (पृष्ठ 114)
Q1. “स्वार्थ था, मद था, मगर उदारता और वात्सल्य का नाम भी न था” इस वाक्य में कुछ शब्दों के नीचे रेखा खींची हुई है। ये सभी नाम हैं, लेकिन दिखाई देने वाली वस्तुओं, व्यक्तियों या जगहों के नाम नहीं हैं। ये सभी शब्द मन के भावों के नाम हैं। आप कहानी में से ऐसे ही अन्य नामों को खोजकर नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में लिखिए।
Ans.
स्वार्थ
मद
उदारता
वात्सल्य
ईर्ष्या
सत्कार
आत्मबल
अभिनय (पृष्ठ 115)
Q1. कहानी में युवक और किसान की बातचीत संवादों के रूप में दी गई है। यह भी बताया गया है कि इन दोनों ने वे बातें कैसे कही। अपने समूह के साथ मिलकर तैयारी कीजिए और कहानी के इस भाग को कक्षा में अभिनय के द्वारा प्रस्तुत कीजिए।
Ans. किसान: (हाथ जोड़कर) महाराज, मेरी समस्या का समाधान कीजिए।
युवक: (गंभीरता से) आपकी समस्या क्या है, बताइए।
किसान: (दुःखी स्वर में) मेरी फसल बर्बाद हो गई है, और मेरे पास कुछ भी नहीं बचा है।
युवक: (सहानुभूति से) हम आपकी मदद करेंगे, चिंता न करें।
विपरीतार्थक शब्द (पृष्ठ 115)
Q1. “विद्या का कम, परंतु कर्तव्य का अधिक विचार किया जाएगा।” ‘कम’ का विपरीत अर्थ देने वाला शब्द है ‘अधिक’। इसी प्रकार के कुछ विपरीतार्थक शब्द नीचे दिए गए हैं लेकिन वे आमने-सामने नहीं हैं।
Ans. संप 1:
आना
गुण
आदर
स्वार्थ
कम
दयालु
गोधन
हार
आशा
संप 2:
निंदी
निराशा
जीत
अगुण
अधिक
अधर्म
जाना
अभय
अनादर