Chapter 08 satriya aur tihoo nrty Solutions
November 5, 2024Chapter 10 pareeksha Solutions
November 5, 2024Chapter 09 मैया मैं नहिं माखन खायो Text Book Solutions
पाठ से मेरी समझ से (Page 96)
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा बनाइए—
Q1: मैं माखन कैसे खा सकता हूँ? इसके लिए श्रीकृष्ण ने क्या तर्क दिया?
मुझे तुम पराया समझती हो।
मेरी माता, तुम बहुत भोली हो।
मुझे यह लाठी-कंबल नहीं चाहिए।
मेरे छोटे-छोटे हाथ छीके तक कैसे जा सकते हैं?
Ans: मेरे छोटे-छोटे हाथ छीके तक कैसे जा सकते हैं?
Q2: श्रीकृष्ण माँ के आने से पहले क्या कर रहे थे?
गाय चरा रहे थे।
माखन खा रहे थे।
मधबुन में भटक रहे थे।
मित्रों के संग खेल रहे थे।
Ans: मधबुन में भटक रहे थे।
मिलकर करें मिलान (Page 96)
Q1. पाठ में से चनकर य ु हाँ कुछ शब्द दिए गए हैं। अपने समहू में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थ या सं दर्भ से र्भ मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इटरनेट या अपने ं शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
Ans.
शब्द | अर्थ या संदर्भ |
---|---|
यशोदा | श्रीकृष्ण की माँ, जिन्होंने श्रीकृष्ण को पाला था। |
पहर | समय मापने की एक इकाई (तीन घंटें का एक पहर होता है। एक दिवस में आठ पहर होते हैं)। |
लकुट कंबरिया | गोल पात्र के आकार का रस्सियों का बुना हुआ जाल जो छत या ऊँची जगह से लटकाया जाता है ताकि उसमें रखी हुई खाने-पीने की चीजें (जैसे— दूध, दही आदि) को कुत्ते, बिल्ली आदि न पा सकें। |
बंसीवट | एक वट वृक्ष (मान्यता है कि श्रीकृष्ण जब गाय चराया करते थे, तब वे इसी वृक्ष के ऊपर चढ़कर बंशी की ध्वनि से गायों को पुकारकर उन्हें एकत्र करते)। |
मधबुन | मथुरा के पास यमुना के किनारे का एक वन। |
छीको | गोल पात्र के आकार का रस्सियों का बुना हुआ जाल जो छत या ऊँची जगह से लटकाया जाता है ताकि उसमें रखी हुई खाने-पीने की चीजें (जैसे— दूध, दही आदि) को कुत्ते, बिल्ली आदि न पा सकें। |
पंक्तियों पर चर्चा (Page 97)
पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपनी कक्षा में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
Q1: “भोर भयो गैयन के पाछे, मधबुन मोहि पठायो” का क्या अर्थ है?
Ans: सुबह होते ही गायों के पीछे मुझे मधुबन भेज दिया।
Q2: “सूरदास तब हबिहँस यशोदा, लै उर कंठ लगायो” का क्या अर्थ है?
Ans: तब सूरदास हंस पड़े और यशोदा ने श्रीकृष्ण को गले से लगा लिया।
सोच-विचार के लिए (Page 97)
Q1: पद में श्रीकृष्ण ने अपने बारे में क्या-क्या बताया है?
Ans: श्रीकृष्ण ने बताया कि वे छोटे हैं, उनके हाथ छोटे हैं, और वे छीके तक नहीं पहुँच सकते।
Q2: यशोदा माता ने श्रीकृष्ण को कैसे गले से लगाया?
Ans: यशोदा माता ने श्रीकृष्ण को स्नेहपूर्वक गले से लगा लिया।
कविता की रचना (Page 98)
Q1: “भोर भयो गैयन के पाछे, मधबुन मोहि पठायो। चार पहर बंसीवट भटकयो, साँझ परे घर आयो॥”
इन पंक्तियों के अंतिम शब्दों को ध्यान से देखिए। ‘पठायो’ और ‘आयो’ दोनों शब्दों की अंतिम ध्वनि एक जैसी है। इस विशेषता को ‘तुक’ कहते हैं। इस पद में प्रत्येक पंक्ति का अंतिम शब्द एक तुक मिलता है। अनेक कवि अपनी रचना को प्रभावशाली बनाने के लिए तुक का उपयोग करते हैं।
(क) इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और अपने-अपने समूह में मिलकर इस पद की विशेषताओं की सूची बनाइए, जैसे इस पद की अंतिम पंक्ति में कवि ने अपना नाम भी दिया है।
Ans: छात्रों को समूह में मिलकर सूची बनानी है और कक्षा में साझा करनी है।
अनुमान या कल्पना से (Page 98)
Q1: श्रीकृष्ण अपनी माँ यशोदा को तर्क क्यों दे रहे होंगे?
- Ans: श्रीकृष्ण अपनी माँ यशोदा को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे माखन नहीं खा सकते क्योंकि उनके छोटे-छोटे हाथ छीके तक नहीं पहुँच सकते।
Q2: जब माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को गले से लगा लिया, तब क्या हुआ होगा?
- Ans: जब माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को गले से लगा लिया, तब श्रीकृष्ण खुश हो गए होंगे और उनकी माँ का स्नेह पाकर वे भी खुश हो गए होंगे।
शब्दों के रूप (Page 98)
Q12: “भोर भयो गैयन के पाछे”
इस पंक्ति में ‘पाछे’ शब्द आया है। इसके लिए ‘पीछे’ शब्द का उपयोग भी किया जाता है। इस पद में ऐसे कुछ और शब्द हैं जिन्हें आप कुछ अलग रूप में लिखते और बोलते होंगे। नीच दिए गए कुछ शब्द दिए गए हैं। इन्हें आप जिस रूप में बोलते-लिखते हैं, उस प्रकार से लिखिए।
परे – दूर
छोटो – छोटा
हबहध – बाध
भोरी – भोली
कछु – कुछ
लै – ले
नहि – नहीं
Q2: पद में से कुछ शब्द चुनकर नीचे स्तंभ 1 में दिए गए हैं और स्तंभ 2 में उनके अर्थ दिए गए हैं। शब्दों का उनके सही अर्थ से मिलान कीजिए—
Ans.
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
---|---|
उपहि | उपजना, उत्पन्न होना |
जानि | जानकर, समझकर |
जायो | भेज दिया |
पठायो | भेजा |
पहतयायो | विश्वास किया, सच माना |
बहियन | बाँह, हाथ, भुजा |
हबहध | बाध |
हबिहँस | मुस्कराई, हँसी |
भटकयो | इधर-उधर घूमा या भटका |
लपटायो | मला, लगाया, पोता |
पंक्त से पंक्त (Page 100)
Q14: नीचे स्तंभ 1 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं और स्तंभ 2 में उनके भावार्थ दिए गए हैं। रेखा खींचकर सही मिलान कीजिए।
Ans.
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
---|---|
1. भोर भयो गैयन के पाछे, मधबुन मोहि पठायो। | 4. सुबह होते ही गायों के पीछे मुझे मधुबन भेज दिया। |
2. चार पहर बंसीवट भटकयो, साँझ परे घर आयो। | 5. चार पहर बंसीवट में भटकने के बाद साँझ होने पर घर आया। |
3. मैं बालक बहियन को छोटो, छीको केहि हबहध पायो। | 1. मैं छोटा बालक हूँ, मेरी बाँहें छोटी हैं, मैं छीके तक कैसे पहुँच सकता हूँ? |
4. गवाल-बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायो। | 6. ये सब सखा मुझसे बैर रखते हैं, इन्होंने मक्खन हाथ-पैर मेरे मुख पर लपटा दिया। |
5. तुम माता मन की अति भोली, इनके कहे पहतयायो। | 3. माँ तुम मन की बड़ी भोली हो, इनकी बातों में आ गई हो। |
6. हिय तेरे कछु भेद उपहि हैं, जानि परायो जायो। | 2. तेरे हृदय में अवश्य कोई भेद है, जो मुझे पराया समझ लिया। |
समय का माप (Page 103)
Q15: ‘पहर’ और ‘साँझ’ शब्दों का प्रयोग समय बताने के लिए किया जाता है। समय बताने के लिए और कौन-कौन से शब्दों का प्रयोग किया जाता है? अपने समूह में मिलकर सूची बनाइए और कक्षा में साझा कीजिए।
Ans: (संकेत— कल, ऋतु, वर्ष, अब, पखवाड़ा, दशक, वेला, अवधि आदि)
Q16: श्रीकृष्ण के अनुसार वे कितने घंटे गाय चराते थे?
Ans: श्रीकृष्ण के अनुसार वे चार पहर गाय चराते थे।
Q17: मान लीजिए वे शाम को छह बजे गाय चराकर लौटे। वे सुबह कितने बजे गाय चराने के लिए घर से निकले होंगे?
Ans: अगर वे शाम को छह बजे लौटे, तो उन्होंने चार पहर गाय चराई होगी। चार पहर का समय बारह घंटे होता है। अतः वे सुबह छह बजे घर से निकले होंगे।
Q18: ‘दोपहर’ का अर्थ है ‘दो पहर’ का समय। जब दूसरे पहर की समाप्ति होती है और तीसरे पहर का प्रारंभ होता है। यह लगभग 12 बजे का समय होता है, जब सूर्य सिर पर आ जाता है। बताइए दिन के पहले पहर का प्रारंभ लगभग कितने बजे होगा?
Ans: पहले पहर का प्रारंभ सुबह छह बजे होगा।